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Friday, December 24, 2010

प्रदेश का सबसे कम उम्र का फादर चर्च में करा रहा प्रार्थना

 क्रिसमस पर विशेष
सीहोर आज के भौतिकवादी युग में जब युवा वर्ग मल्टीनेशनल कंपनियों की चकाचौंध की तरफ आकृष्ट होकर देश विदेश में नौकरियों की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में मात्र 21 वर्ष की आयु में एक युवक ने फादर बनकर चर्च की व्यवस्था संभालने का गौरव हासिल किया है। मध्यप्रदेश के डायोसिस संस्था का सबसे कम उम्र का फादर इन दिनों सीहोर जिले के ऐतिहासिक आल सेंट चर्च की व्यवस्था संभालकर लोगों को प्रभु यीशु द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का संदेश दे रहा है।अलीराजपुर के ग्राम बड़ीसर्दी निवासी 21 युवक विवेक सलातिएल जिला मुख्यालय के जंगली अहाता क्षेत्र स्थित आल सेंट चर्च में रेव्ह की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।

चर्च जाने पर चौंक जाते
आल सेंट चर्च पर पहुंचने वाले अन्य धर्मावलम्बी उस समय चौंक जाते हैं, जब उन्हें फादर के रूप में कार्य करते हुए एक 21 वर्ष का युवक दिखाई देता है। प्रार्थना से लेकर अन्य कार्यों को सुव्यवस्थित तरीके से कराने वाले रेव्ह विवेक सलातिएल यहां भी अपनी प्रतिभा से लोगों को चौंका देते हैं।

इंटरमीडियट के बाद

रेव्ह विवेक सलातिएल ने बताया कि इंटरमीडियट तक उन्होंने रतलाम में रहकर पढ़ाई की। इसके उपरांत अपनी इच्छा से उन्होंने रेव्ह के लिए तीन साल का कोर्स इलाहाबाद से पूरा किया। मध्यप्रदेश की डायोसिस संस्था के बिशप राईट रेव्ह एल मेढ़ा द्वारा उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया गया। यहां से सबसे पहले रसूलपुरा महू में चर्च की व्यवस्था की जबाबदारी सौंपी गई। इसके बाद राजधानी भोपाल के बैथलहम चर्च की जबाबदारी का निर्वहन भी तीन माह तक किया। तीसरी पोस्टिंग के रूप में सीहोर आल सेंट चर्च की जवाबदारी सौंपी गई है। जिसका निर्वहन वह विगत जून से बखूबी कर रहे हैं।

पिता के पदचिन्हों पर

रेव्ह विवेक सलातिएल ने बताया कि उनके पिता विन्धयाचल सतपुड़ा में चर्च में फादर थे। उनकी इच्छा थी कि मैं भी इस परम्परा को आगे बरकरार रखूं। मेरी स्वयं की भी यही इच्छा थी कि बड़ा होकर धर्म और मानव की सेवा में अपना जीवन व्यतीत करूं। इसी सोच को लेकर पढ़ाई पूरी होने के बाद मैनें तीन साल का बीडी डिप्लोमा किया और चर्च की व्यवस्था का दायित्व प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि आगे की पढ़ाई वह पत्राचार के माध्यम से बिलासपुर से एमडीआईवी की डिग्री प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं। इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद वह संस्था से अन्य डिग्रियां प्राप्त करने के लिए भी लगातार अध्ययन जारी रखेगे, जिससे उन्हें अधिक से अधिक ज्ञानार्जन हो सके और उसका सद् उपयोग समाज हित में हो सके।

इच्छा तो पूरी हुई पर ...

विवेक सलातिएल अपने परिवार के ऐसे चौथे व्यक्ति हैं, जिन्होंने चर्च की व्यवस्था फादर के रूप में संभाली है। उनके पिता सतातिएल ऐजरा के अलावा परदादा तथा चाचा भी चर्च की व्यवस्थाओं का निर्वहन सफलता पूर्वक कर चुके हैं। विवेक सिलातिएल ने बताया कि पिता के साथ-साथ उसकी भी इच्छा थी कि वह चर्च की व्यवस्था संभाल कर समाज की सेवा करे, लेकिन जिस समय उन्हें चर्च की सेवाओं का दायित्व मिला उस समय उनके पिता सतातिएल ऐजरा को प्रभु यीशु ने अपने पास बुला लिया। वह आज चर्च की व्यवस्था संभाल प्रसन्नचित हैं। विवेक सिलातिएल का विवाह इसी साल 28 मई को ग्राम आमकुंड निवासी युवती के साथ हुआ है। समाज के सक्रिय सदस्य इंग्लिश लेक्चरार आरके जाफरी ने बताया कि युवाओं द्वारा धर्म की व्यवस्था संभालना भविष्य की दृष्टि से अच्छा संकेत हैं। इससे युवाओं को प्रेरणा मिल रही है।

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