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Monday, December 24, 2012

महिला हेल्पलाइन एक जनवरी से
दुष्कृत्य के प्रकरणों में आरोपियों को जल्दी सजा दिलाने हर जिले में फास्ट ट्रेक कोर्ट, महिलाओं की रक्षा करने वालों को मुख्यमंत्री नारी सम्मान पुरस्कार, महिलाओं में सुरक्षा का भाव जगाने चलेगा सघन अभियान, मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा उच्च-स्तरीय बैठक में समीक्षा

 
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने महिलाओं के विरूद्ध अपराध की संभावना को समाप्त करने के लिये तत्काल ऐहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने एक जनवरी 2013 से महिला हेल्पलाइन व्यवस्था शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके माध्यम से मिली शिकायतों पर आरोपियों के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई की जायेगी। श्री चौहान ने दुष्कृत्य के प्रकरणों में जाँच-पड़ताल और कानूनी औपचारिकताएँ तत्काल पूरी कर आरोपी को सजा दिलाने के लिये प्रत्येक जिले में एक फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने के निर्देश दिये। श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में उच्च-स्तरीय बैठक में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
श्री चौहान ने कहा कि दुष्कृत्य के मामलों में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिये संबंधित कानूनों में संशोधन के लिये केन्द्र सरकार को लिखा जायेगा। जरूरी होने पर राज्य सरकार द्वारा भी आवश्यक कानूनी प्रावधान बनाये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दुष्कृत्य के प्रकरणों में मेडिको लीगल रिपोर्ट में विलम्ब होने से न्याय में देरी होती है इसलिये संबंधित चिकित्सकों को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा। इसके लिये जिलों में भी चिकित्सकों को मेडिको लीगल के क्षेत्र में आधारभूत प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही उन्होंने आरोपी के विरूद्ध चालान भी 15 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं में आत्म-विश्वास और सुरक्षा का भाव जगाने के लिये पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर सघन अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बेटियों के मान-सम्मान की सुरक्षा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आरोपियों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जायेगा और कानूनी प्रक्रियाओं में तेजी लाकर शीघ्र सजा दिलाई जायेगी।
मुख्यमंत्री नारी सम्मान पुरस्कार
श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक जिले में उपलब्ध पुलिस बल में से विशेष टास्क फोर्स बनाई जायेगी। यह फोर्स महिलाओं से संबंधित अपराधों और छेड़छाड़ की घटनाओं की रोकथाम के लिये सक्रिय होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अत्याचार और हिंसा के प्रकरणों में महिलाओं की रक्षा करने वालों को मुख्यमंत्री नारी सम्मान पुरस्कार दिया जायेगा। राज्य स्तर पर एक लाख और जिला स्तर पर 50 हजार रूपये का नगद पुरस्कार दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध हिंसा एवं छेड़छाड़ के प्रकरणों में कानूनी औपचारिकताओं में विलम्ब होने से आरोपी पक्ष द्वारा प्रकरणों को प्रभावित करने के प्रयास करने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करना जरूरी है। इसके लिये विवेचना में तेजी लाना लाना होगा। उन्होंने कहा कि आरोपी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने तक सीमित रहना ठीक नहीं है। इन औपचारिकताओं को पूरा करने में अनावश्यक विलम्ब या लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
जिला पुलिस अधीक्षक होंगे जिम्मेदार
श्री चौहान ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाली घटनाएँ प्रकाश में आने पर जिला पुलिस अधीक्षकों को जिम्मेदार मानते हुए उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। पीड़ित महिलाओं को हर प्रकार से सामाजिक-आर्थिक मदद दी जायेगी। महिला-बाल विकास विभाग के संबंधित अधिकारी पीड़ित महिला को मनोवैज्ञानिक रूप से सांत्वना देने और संबल प्रदान करने के लिये तत्काल कार्रवाई करेंगे।
मार्शल आर्ट प्रशिक्षण के लिये मास्टर ट्रेनर
मुख्यमंत्री ने खेल, पुलिस और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आपसी समन्वय से आत्म-रक्षा के लिये कराटे/मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण के लिये भी तत्काल पहल करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिये मास्टर ट्रेनर को तैयार करें।
श्री चौहान ने बताया कि महिला आत्म-सम्मान से जुड़े मुददों पर लोगों को संवेदनशील बनाने और जागरूकता लाने के लिये सभी जिलों में संवाद सत्रों का आयोजन किया जायेगा। इस क्षेत्र में प्रेरणा देने वाली फिल्मों का सभी सिनेमाघरों और स्थानीय केबल नेटवर्क के माध्यम से प्रसारण होगा। मुख्यमंत्री की अपील और संदेश भी प्रसारित किये जायेंगे। युवाओं को जोड़ने के लिये कॉलेज और स्कूलों में केंडल मार्च निकाले जायेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी शहरों में चौराहों पर क्लोज सर्किट टीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घरेलू हिंसा के प्रकरणों के मामले में दोषी पाये गये व्यक्तियों के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि ऐसे प्रकरणों के संबंध में हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी। आगामी गणतंत्र दिवस पर होने वाली ग्राम सभाओं की विशेष बैठकों में भी लोगों को इस संबंध में जागरूक करने के लिये विशेष चर्चा की जायेगी और महिलाओं के सम्मान की रक्षा करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। गवाहों को पूरी सुरक्षा दी जायेगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री परशुराम, पुलिस महानिदेशक श्री नन्दन दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव विधि श्री के.डी. खान, ए.डी.जी. इंटेलीजेंस श्री विवेक जौहरी, मुख्यमंत्री के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी श्री सुधीर सक्सेना, जनसंपर्क आयुक्त श्री राकेश श्रीवास्तव एवं गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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