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Tuesday, December 18, 2012


मध्यप्रदेश का फॉरेस्ट कवर बरकरार
इण्डिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2011 के अनुसार देश का फॉरेस्ट कवर 367 वर्ग किलोमीटर घटा है, लेकिन मध्यप्रदेश के फॉरेस्ट कवर (वनाच्छादित क्षेत्र) में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। कुल 77 हजार 700 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ प्रदेश देश में पहले स्थान पर बरकरार है। अरुणाचल प्रदेश 67 हजार 410 किलोमीटर के साथ दूसरे स्थान पर, छत्तीसगढ़ 55 हजार 674 वर्ग किलोमीटर के साथ तीसरे, 50 हजार 646 वर्ग किलोमीटर के साथ महाराष्ट्र चौथे और 48 हजार 903 वर्ग किलोमीटर के साथ उड़ीसा पाँचवें स्थान पर है।

वनों का घनत्व बढ़ाएँ - वन मंत्री
वन मंत्री श्री सरताज सिंह ने विभागीय अधिकारियों को विरले क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करते हुए वर्तमान वनों की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ कर वनाच्छादित क्षेत्र का घनत्व बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।

प्रदेश के कुल वनाच्छादित क्षेत्र में से मात्र 6,640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अति सघन और 34 हजार 986 वर्ग किलोमीटर में सघन वन हैं, जिसे और अधिक बढ़ाए जाने की जरूरत है। विरल वन क्षेत्र 36 हजार 074 वर्ग किलोमीटर और खुला क्षेत्र 16 हजार 989 वर्ग किलोमीटर है। कुल वनाच्छादित क्षेत्र का 7 प्रतिशत अति सघन वन क्षेत्र, 36 प्रतिशत सघन वन, 39 प्रतिशत विरल वन और 18 प्रतिशत खुला क्षेत्र में शामिल है।

इन प्रदेशों का घटा फॉरेस्ट कवर

इण्डिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट-2011 के अनुसार देश के 14 प्रदेशों में फॉरेस्ट कवर घटा है, जिनमें आंध्रप्रदेश, मणिपुर, नागालेण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, आसाम, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश और चण्डीगढ़ शामिल है। बिहार, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, अंडमान-निकोबार के फॉरेस्ट कवर में बढ़ोत्तरी हुई है। मात्र तीन राज्य मध्यप्रदेश, दिल्ली और सिक्किम अपनी स्थिति बरकरार रखने में सफल रहे हैं।

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