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Sunday, December 30, 2012


पुलिस बल संबंधी अनेक उल्लेखनीय फैसलों का गवाह रहा 2012 

 वर्ष 2012 मध्यप्रदेश में पुलिस बल की कार्य-कुशलता में वृद्धि, उनकी कल्याण योजनाओं को प्राथमिकता देने और जनसंख्या के अनुरूप बल में वृद्धि के प्रयासों के रूप में उल्लेखनीय रहा है। इसी वर्ष गृह विभाग द्वारा जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में पुलिस बल बढ़ाने के निर्णय के तारतम्य में पुलिस बल के लिए 21 हजार पद स्वीकृत किए गए। वीरगति को प्राप्त होमगार्ड के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने और उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति देने का निर्णय भी लिया गया। इस वर्ष पुलिस बल के लिए 2500 मकान मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा बनवाए गए। अब प्रतिवर्ष 4000 मकान बनाने का निर्णय लिया गया है।

141 थानों में महिला डेस्क कायम

इसी साल महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर विशेष महिला प्रकोष्ठ बना। प्रकोष्ठ की मुखिया अतिरिक्त महानिदेशक स्तर की महिला अधिकारी को बनाया गया। प्रदेश में इस प्रकोष्ठ के अधीन पृथक से इंदौर, भोपाल और जबलपुर में भी विशेष प्रकोष्ठ बनाए गए हैं। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मुख्यालय स्तर के थानों में एक डेस्क के मान से कुल 141 महिला डेस्क प्रारंभ की गयी है। हाल ही में महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वालों के शस्त्र लायसेंस रद्द करने का महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया गया है। यह भी पहली बार ही हुआ कि प्रदेश में यातायात की सुचारू व्यवस्था के लिए ट्रेफिक का अलग संचालनालय बना। इसके अलावा मानव दुर्व्यापार को रोकने 16 इकाइयों का गठन किया गया।

भोपाल के सभी शासकीय आवासों का प्रायवेट एजेंसी से सर्वे करवाया गया। सर्वे के बाद प्राप्त जानकारी को ऑनलाइन किया गया। सर्वे में अपात्र पाये गये और शासकीय आवासों के बेजा कब्जाधारियों के विरूद्ध प्रभावी और दण्डात्मक कार्रवाई की जा रही है।

इसी साल गृह विभाग के अन्तर्गत कार्यरत संचालनालय सैनिक कल्याण द्वारा पूर्व सैनिकों की 14 विधवा को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गयी। प्रदेश में राष्टीयकृत और सहकारी बैंकों की शाखाओं में 100 पूर्व सैनिकों को सुरक्षा गार्ड जैसे वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध करवाये गये। सहायक पुलिस निरीक्षक एवं पुलिस निरीक्षक के 54 और वन रक्षक के 58 पद पर भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति की गयी। इसके साथ ही 439 भूतपूर्व सैनिक को प्रायवेट सेक्टर में रोजगार उपलब्ध करवाया गया।

इसी साल अभियोजन के प्रकरणों में तत्परता से कार्रवाई के उद्देश्य से लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा सभी जिलों में सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों की पदस्थापना की गयी। साथ ही गंभीर किस्म के अपराधों का चिन्हांकन कर जिलावार समितियों के माध्यम से प्रकरणों की विवेचना और अभियोजन की कार्रवाई को न केवल गति दी गयी बल्कि लगातार उच्च-स्तरीय मॉनिटरिंग भी की गयी।

मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बनी

गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता की विशेष पहल पर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों का समय पर इलाज करवाने और मेडिकल रिएम्बर्समेंट की परेशानियों से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ‘मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ लागू करने जैसा महत्वपूर्ण निर्णय भी इसी वर्ष लिया गया। योजना में इलाज के लिए प्रदेश के 30 और प्रदेश के बाहर के 31 हॉपिस्टल चिन्हित किए गए हैं। इसमें प्रत्येक पुलिस अधिकारी-कर्मचारी को मात्र 50 रुपये प्रतिमाह अशंदान देना होगा। इस योजना के जरिये अधिकतम 8 लाख रुपये तक का उपचार शासकीय व्यय पर पुलिसकर्मी करवा सकेंगें।

राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल का गठन

प्रदेश में स्थित निजी उद्योगों एवं अर्द्ध-शासकीय संस्थाओं को ऑन पेमेन्ट बेस पर सुरक्षा बल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल की दो बटालियन गठित करने का निर्णय भी इसी वर्ष हुआ। इस बल के गठित होने से उद्योगों की सुरक्षा कर्मियों की माँग की पूर्ति की जा सकेगी।

इसी तरह पूर्व सैनिकों की एक बटालियन गठित करने का भी निर्णय हुआ। इसमें एक हजार पूर्व सैनिकों को भर्ती करने की प्रक्रिया जारी है।

भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता

गृह मंत्री ने इसी वर्ष पुलिस आरक्षकों की भर्ती में पूरी पारदर्शिता रखने के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया बन्द करवाई। अब केवल लिखित परीक्षा और 800 मीटर की दौड़ करवाई जाती है। दौड़ का समय रिकार्ड करने के लिए कम्प्यूटर लगाये गये, जिससे इसमें किसी अभ्यर्थी को कोई संदेह नहीं हो।

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