यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Monday, September 27, 2010

पेड़ के नीचे सड़क पर पढ़ रहे विद्यार्थी


 
दीवारों पर चल रहा है स्कूल चले अभियान का नारा, अभियान की पोल खोल रहे है कीचड़ किनारे चल रहे  विद्यालय
सीहोर सरकार का नारा हर बच्चा पढ़े हमारा इसे सार्थक करने के लिए स्कूल चलें अभियान चलाया जा रहा है पर हकीकत यह है कि यह नारा दीवारों पर ही सिमटा नजर आ रहा है जो विद्यार्थी स्कूल पहुँच रहे है वे पेड़ के नीचे सड़क पर पढ़ाई करने पर विवश हो रहे शहर के ऐतिहासिक श्री गणेश मंदिर की ओर जाने वाले लोग उस समय चौंक जाते है जब जगमाणेक साल्वेंट प्लांट के ठीक सामने खुले मैदान पर नन्हें मुन्ने विद्यार्थियों को ईमली के पेड़ के नीचे पढ़ते हुए नजर आते है। सारे शहर में स्कूल चलों अभियान के नारों से भरी दीवारों पर यह विद्यार्थी भारी पड़ते नजर आते है पर दुर्भाग्य का विषय यह है कि जिला मुख्यालय पर इस ओर ध्यान देने की जरूरत अभी किसी ने नहीं समझी है।
61 बच्चें पढ़ रहे
जिला मुख्यालय की इस ईजीसी प्राथमिक शाला में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक के विद्यार्थी पढ़ रहे है पर इनके पास अपने कमरें नहीं है। जिन तीन कमरों में इनकी कक्षाएं लगती थी वह पहले से ही जीर्णशीर्ण  अवस्था को प्राप्त हो चुके थे और इन कमरों को खाली भी करा लिया गया उसके बाद से ही इनकी कक्षाएं खुले आकाश की छत के नीचे ईमली के पेड़ के नीचे लग रही है। यहां पर अध्ययन के कार्य का दायित्व श्रीमती भगवती राठौर और आशीष शर्मा के जिम्में है। उनका कहना है कि जिस दिन मौसम खुला रहता है उस दिन करीब पचास विद्यार्थियों की उपस्थिति हो जाती है। बारिश में रास्तें में कीचड़ हो जाने के कारण विद्यार्थियों की संख्या कम हो जाती है। स्कूल के लिए कोई भवन नहीं होने की जानकारी हमने समय-समय पर आला अधिकारियों को प्रदान की है।  जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि उनकी जानकारी में यह स्कूल है और इसके लिए शासन द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है पर उसके लिए जमीन नहीं मिल पा रही है, जमीन मिलते ही स्कूल को नए भवन मे स्थानातंरित किया जाएगा।
वाहन आने पर खड़े होना पड़ता है....
पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह एक  समस्या ही नहीं है, पेड़ के नीचे मामूली बारिश मेें कीचड़ हो जाती है जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है और सड़क पर पढ़ाई के दौरान जब भी कोई वाहन आ जाता है तो उन्हें खड़े होकर रास्ता देने पर विवश होना पड़ता है। इस प्रकार की स्थिति स्कूल टाइम में कई बार निर्मित होती है। विद्यार्थियों के अभिभावक भी इस समस्या से हैरान परेशान है। यहां यह हाल है तो ग्रामों में तो भगवान ही मालिक...
स्कूल अभियान का नारा सुनकर स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को खुले आकाश के नीचे पढ़ने पर विवश होना पड़े तो शायद इससे बड़ी दुर्भाग्य की स्थिति कोई दूसरी हो नहीं सकती वो भी जिला मुख्यालय के उस मार्ग पर जहां रोजाना सैंकड़ों लोगों को गणेश मंदिर आना जाना होता है। यह दृश्य देखकर लोगों के मुह से सहसा यह बात निकल पड़ती है कि जब जिला मुख्यालय पर यह हाल है तो ग्रामों की स्थिति का क्या होगा?

0 comments: