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Wednesday, September 29, 2010

हरी झंडी मिलने के पहले फ्लेग मार्च

 सीहोर.मंगलवार को हर आम और खास वर्ग के लोगों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी, कोर्ट की हरी झंडी मिलने के पहले पुलिस ने हर मार्ग पर फ्लेग मार्च को अराजक तत्वों को सावधान किया। चौबीस तारीख की चिंता में घुले लोगों को उस दिन से ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाहें लगी हुई थी। उधर लोग कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करते हुए फैसले पर होने जा रहे फैसले पर निगाहें जमाए हुए थे और इधर जिला कलेक्टर संदीप यादव और जिला पुलिस अधीक्षक दीपिका सूरी के दिशा निर्देशन में पूरे जिले पर निगाहें रखी जा रही थी। कोर्ट द्वारा हरी झंडी दिए जाने के ठीक पहले पुलिस की पूरी टीम ने फ्लेग मार्च कर उन लोगों को सावधान कर दिया जो शहर की फिजा खराब करने में अहम भूमिका का निर्वहन करते है। पुलिस के इस फ्लेग मार्च से आम और खास वर्ग के लोगों ने संतोष व्यक्त किया। उनका कहना था कि इस तरह के प्रयासों से असमाजिक तत्वों में लगातार खौफ का वातावरण बना रहता है। पिछले दिनों से लगातार की जा रही कार्रवाई से व्यवस्था में सुधार भी प्रतीत होता नजर आ रहा है। पुलिस द्वारा किया गया फ्लेग मार्च आज पूरे शहर में किया गया। कोतवाली से प्रारंभ यह फ्लेग मार्च आष्टा रोड से होता हुआ पहले सराय, गांधी रोड, जगदीश मंदिर चौराहा, बग्गीखाना, सिनेमा चौराहा, तहसील चौराहा, भोपाली फाटक, कस्बा आदि क्षेत्रों से होता हुआ स्थानीय इंग्लिशपुरा क्षेत्र, भोपाल नाका भी गया।लगभग दो घंटे से भी ज्यादा समय तक पुलिस ने पूरे शहर में भ्रमण कर असमाजिक तत्वों को सचेत किया। आज के फ्लेग मार्च के दौरान पुलिस जवान और अधिकारी पैदल भी चल रहे थे, इसके अलावा गाड़ियों का काफिला भी चल रहा था जिसमें व्रज और अन्य वाहन भी शामिल थे।
कम आए लोग
मंगलवार को सप्ताहिक हाट बाजार होने के बावजूद भी बाजार में लोगों की उपस्थिति कम रही। 24 तारीख जैसा वातावरण 28 तारीख को भी देखा गया। बाजार में सन्नाटे का वातावरण बना रहा। अस्पताल, शासकीय कार्यालयों तथा बसों व ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ अन्य दिनों की तुलना में न के बराबर ही रही। सारा दिन इसी प्रकार की स्थिति देखी गई। हालांकि जिला मुख्यालय पर मंगलवार को शासकीय-अशासकीय शिक्षण संस्थाएं नियमित रूप से खुली और इसमें उपस्थिति भी सामान्य रही। देखना यह है कि आने वाले दिनों में क्या स्थिति निर्मित होती है और उसके क्या प्रभाव सामने आते हैं। बहरहाल, अब सभी की निगाहे 30 तारीख को आने वाले निर्णय पर लग गई हैं। वातावरण बन गया कि अब फैसला कब आएगा? इसकी जिज्ञासा भी कुछ ही देर बाद शांत हो गई, जब लखनऊ बैंच ने तीस तारीख को दोपहर 3.30 बजे फैसला दिए की जानकारी दी।


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