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Thursday, September 16, 2010

पति को आजीवन कारावास

सीहोरप्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती रश्मि अग्रवाल ने पत्नी की निर्ममता पूर्वक हत्या कर देने वाले पति को आजीवन कारावास और चार हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक मनोज सक्सेना ने पैरवी की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इछावर थाना अंतर्गत ग्राम सेमलीजदीद निवासी मानसिंह आत्मज रामबक्श एक मई 09 को अपनी पत्नी चिंता बाई के साथ ग्राम बड़बेली से लौट रहा था। बताया जाता है कि पति-पत्नी के बीच बस में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। जिस पर मानसिंह अपनी पत्नी और पुत्र लक्की के साथ ग्राम धबोटी में ही उतर गया। यहां से वह उन्हें ग्राम कुड़ी के जंगल ले गया। यहां पर मानसिंह ने अपनी पत्नी चिंता बाई को पत्थरों से कुचल-कुचलकर मार डाला। यही नहीं उसने निर्ममता पूर्वक अपने पुत्र लक्की को भी पत्थरों से कुचलने का प्रयास किया था। इछावर पुलिस ने प्रकरण कायम करते हुए मानसिंह आत्मज रामबक्श को न्यायालय में प्रस्तुत किया। गत दिवस प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती रश्मि अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी मानसिंह को चिंता बाई की हत्या के आरोप में दोष सिद्ध पाते हुए भादवि की धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास तथा चार हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी मानसिंह ने पुलिस और अदालत के समक्ष इस बात को स्वीकार करते हुए बताया कि उसे अपनी पत्नी चिंता बाई के चरित्र पर संदेह था, इसी कारण उसने यह कदम उठाया। ग्राम कुड़ी के जंगल में अपनी पत्नी को निर्ममता पूर्वक मौत के घाट उतारने वाले मानसिंह की दिलेरी देखकर पुलिस भी हतप्रभ रह गई थी। घटना को अंजाम देने के कुछ ही घंटों के बाद आरोपी सीधे थाने पहुंचा था। वहां जाकर बताया कि उसने अपनी पत्नी चिंता बाई की हत्या कर दी है तथा पुत्र लक्की को भी मार डाला है। इसकी निशानदेही पर इछावर पुलिस तत्काल जंगल पहुंची। जहां भाग्य से लक्की जीवित मिला और चिंता बाई का शव बरामद किया गया। इस पूरे मामले में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि घटना का कोई भी चश्मदीद ग्वाह नही ंथा। जो भी ग्वाह अदालत में आए थे, उन्हें थाने जाने से पहले आरोपी मानसिंह ने घटना का विवरण सुनाया था। इसी आधार पर इन्हीं लोगों ने ग्वाही दी। परिस्थिति जन्य साक्ष्यों को आधार मानते हुए न्यायाधीश ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

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