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Tuesday, October 19, 2010

डाक्टर के साथ मारपीट से आक्रोश

किशोर चौहान रेहटी

रविवार की रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक के साथ की गई मारपीट की घटना से सोमवार को आक्रोश का वातावरण बन गया। डाक्टरों और कर्मचारियों ने अस्पताल में काम बंद रखा। रविवार की रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक डा.टीआर उइके के साथ मारपीट के कारण सोमवार को आक्रोश बन गया। अस्पताल बंद रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्राप्त जानकारी अनुसार रविवार की रात को निकटवर्ती ग्राम बौरी के सड़क हादसे के मामले में कुछ लोग घायल का इलाज कराने के लिए अस्पताल आए थे। जहां से प्रभारी डाक्टर टीआर उइके को बुलाने के लिए अस्पताल कर्मचारी उनके चोपड़ा कालोनी स्थित निवास पर गया जहां से अपनी बाइक पर आए डाक्टर ने जैसे की अस्पताल परिसर में प्रवेश किया वैसे ही तीन-चार युवाओं ने उन्हे रोक लिया। बताया जाता है कि डाक्टर को कुछ समझ में आता इससे पहले इन युवाओं ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और बाइक फेंक दी जिससे कांच टूट गए और डा.उइके को नाक और आंख में चोट आई। लोग आते तब तक यह लोग भाग खड़े हुए। पुलिस ने इस मामले में शासकीय कार्य में व्यवधान की धारा 353 और मारपीट की धारा 323 के अंर्तगत मामला कायम किया है।

नहीं खुला अस्पताल
सोमवार की सुबह से घटना को लेकर आक्रोश देखा गया। बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डाक्टर और कर्मचारी काम पर नहीं आए,इन्होेंने विरोध स्वरूप कार्य बंद रखा।
अन्य का मिला साथ
घटना के विरोध में नगर के एक दर्जन से भी अधिक निजी चिकित्सकों ने भी अपना क्लीनिक बंद रखा दवा विक्रेताओं ने भी अपना कारोबार बंद रखा। युवक कांग्रेस ने भी इसकी निंदा की। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तहसीलदार एमएस नागर और थाना प्रभारी आरएन शर्मा से तकरार की भी स्थिति बनी। अधिकारियों का कहना था कि ग्राम बौरी भी गए पर आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई। पुलिस शंका के आधार पर कुछ लोगों से पूछताछ कर रही है। मेडिकल एसोसिएशन के राजेन्द्र झावक,चन्द्रशेखर गुप्ता, बल्लू आसवानी आदि ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप कर कहा है कि आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।
 मरीजों को करना पड़ा परेशानी का सामना
सोमवार को हड़ताल कर दिए जाने से मरीजों और उनके सहयोगियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को नसरुल्लागंज जाकर इलाज कराना पड़ा।
विरोध के स्वर
डॉ.उइके के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए युवक कांग्र्रेस नेता कमलेश यादव, संजय पटेल, मंगलसिंह आजाद, बद्री चौहान, संतोष मेहता, मेहताब सिंह चौहान ने कहा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर डाक्टरों को सुरक्षा दिलाई जाए ताकि इसकी पुनरावृति न हो पाए। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ.आरके यादव ने कहा है कि इस घटना के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो विरोध जिला स्तर पर भी जताया जाएगा।
काम पर लौटे
सोमवार शाम चार बजे के बाद एसडीएम चन्द्र मोहन मिश्रा और एसडीओपी प्रशांत चौबे के आश्वासन पर ठप्प पड़ी सेवाएं बहाल हुई

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