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Thursday, October 14, 2010

दोबारा आरक्षण तैयारियां प्रारंभ

 नगर पालिका के वार्डों के दोबारा आरक्षण की तैयारियां प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई हैं। मंगलवार को सम्पन्न हुई कार्रवाई गफलत का शिकार हो गई। जिसको लेकर आज दिनभर चर्चाओं का माहौल बना रहा। सभी अपने-अपने हिसाब से विशलेषण करते हुए नजर आए। नगर पालिका के 35 वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई थी। इसके बाद लगाई गई आपत्ति के कारण सामान्य और पिछड़ा वर्ग महिला का आरक्षण रद्द कर दोबारा आरक्षण कराए जाने के आदेश दिए गए। अब नए सिरे से आरक्षण की प्रक्रिया 15 अक्टूबर को सम्पन्न होगी। लोगों में इस बात का आश्चर्य है कि यह त्रुटि कैसे हो गई। जानकारी के अनुसार मंगलवार को आरक्षण प्रक्रिया वर्ष 1994, 1999 व 2005 को आधार बनाकर की गई थी, लेकिन आरक्षण के दौरान इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि वर्ष 94 और 99 में शहर में 33 वार्ड थे और 2005 में यह वार्ड 35 हो गए थे। इसके कारण ही यह स्थिति निर्मित हो गई। वर्ष 2005 में वार्डों का सीमांकन नए सिरे से होने पर वार्डों के क्रमांक भी बदला गए थे। वार्ड एक और दो को छोड़ दिया जाए तो तीन नंबर पहले 29 था, वार्ड 4 व 5 तीन नंबर में आता था, जबकि वार्ड क्रमांक 6 वार्ड 4 आता था, वार्ड 7 वार्ड 5 में, वार्ड 8 वार्ड 10 में, वार्ड 9 वार्ड 7 में, वार्ड 10 वार्ड 5 में, वार्ड 11 वार्ड 6 में, वार्ड 12 वार्ड 7 में, वार्ड 13 वार्ड 8 में, वार्ड 14 वार्ड 9 में तथा वार्ड 15 वार्ड 10 में आता था। इसी प्रकार 33 वार्ड तक अंतर आया था। वार्ड नंबरों में बदलाव और 1994-99 में हुए चुनाव के वार्डों की संख्या को नहीं देखने के कारण ही यह स्थिति निर्मित हुई।

तो शायद यह नौबत नहीं आती।



आश्चर्य का विषय यह है कि न तो इस तरफ नगर पालिका परिषद द्वारा ध्यान दिया गया और न ही शहरी विकास अभिकरण द्वारा ध्यान दिया गया, जबकि पहले शहरी विकास अभिकरण और फिर नगर पालिका के पास से होती हुई यह फाइल निर्वाचन कार्यालय पहुंची थी। निर्वाचन कार्यालय में भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। जिसकी वजह से यह गफलत उत्पन्न हो गई और प्रक्रिया को दोबारा कराने के लिए विवश होना पड़ा। यदि प्रारंभ से ही सन 1994-99 के वार्डों की संख्या 33 और सन 2005 के वार्डों की संख्या 35 पर ध्यान दिया जाता तो शायद यह नौबत नहीं आती।
 खुशी काफूर ....

- मंगलवार को आरक्षण के दौरान जो नेता प्रसन्न थे, हो सकता है, शुक्रवार को उनका वार्ड बदल जाए। ऐसे में उनकी खुशी काफूर भी हो सकती है।

- यह चर्चा जोरों पर है कि महिला पार्षद 17 होंगी या 18, मंगलवार को 17 वार्ड महिला पार्षद के लिए आरक्षित किए गए।

- इस अंतर को लेकर भी कुछ पार्षद कोर्ट जाने की तैयारी करते नजर आए।

- प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जो बधाई दी जा रही थी, उसका सिलसिला अब शुक्रवार तक रूक गया है।
- अनुसूचित जाति के दो और अनुसूचित जनजाति के एक वार्ड अनारक्षित हैं तथा तीन वार्ड अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो चुके हैं। यहां पर दावेदारी शुरू हो गई है।

- शुक्रवार को अब 29 वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया सम्पन्न होगी।
- वार्ड आरक्षण के लिए खासतौर से सामान्य वर्ग के दावेदारों ने वापस प्रार्थनाएं शुरू कर दी हैं।
- कल जो लोग वास्तव में पार्षद बनने का सपना संजो रहे थे। उनके सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। नए सिरे से आरक्षण में हो सकता है कि उन्हें पार्षद की जगह पार्षद पति बनना पड़े।

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