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Saturday, October 30, 2010

प्रदेश की पहली वेंटीलेंटर मशीन लगी

सीहोर;  जिला अस्पताल के स्पशेल नवजात केयर यूनिट में शुक्रवार को प्रदेश की पहली नियोनेटल वेंटीलेटर मशीन लगाई गई। 12 लाख रुपए की लागत की यह मशीन नवजात शिशुओं के लिए लाभप्रद साबित होगी। जिला अस्पताल की नवजात केयर यूनिट में प्रदेश की पहली नियोनेटल वेंटीलेटर मशीन शुक्रवार को लगाई गई। प्रदेश के आठ जिलों के लिए स्वीकृत की गई मशीनों को लगाने की शुरूआत सीहोर जिला अस्पताल से की गई। जिला अस्पताल में अप्रैल 2009 से एसएनसीयू का शुभारंभ किया गया है। नवजात शिशु के उचित देखभाल के उद्देश्य से स्थापित की गई इस विशेष यूनिट को और सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा 12 लाख रुपए की लागत की नियो नेटल वेंटीलेटर मशीन लगाई गई है। जिसका लाभ उन नवजात शिशुओं को मिल सकेगा। जो अत्यंत गंभीर अवस्था में होने के कारण भोपाल रेफर कर दिए जाते थे। इस मशीन के लगाए जाने से यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि अब मरीजों को भोपाल रेफर नहीं किया जाएगा। एसएनसीयू के प्रभारी चिकित्सक डा. सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि मध्यप्रदेश के आठ जिलों को फिलहाल यह सुविधा प्रदान की गई है। जिन जिलों में यह मशीनें लगाई जा रही है, उनमें भोपाल, सीहोर, गुना, रतलाम, मंदसौर, जबलपुर तथा शिवपुरी शामिल हैं। प्रदेश में सबसे पहले सीहोर में ही मशीन लगाने की शुरूआत की गई है। शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक एसएनसीयू यूनिट में मशीन लगाने का कार्य कंपनी के कर्मचारियों द्वारा किया गया।
जिला  अस्पताल में जिस उद्देश्य से एसएनसीयू प्रारंभ किया गया। वह जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने के कारण उतनी सुविधाएं नवजात शिशुओं को उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। आमतौर से यहां पर चिकित्सक के न मिलने की शिकायतें मिलती हैं, लेकिन इस दिशा में न तो यूनिट के प्रभारी चिकित्सक और न ही जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा ध्यान दिया जा रहा है। देखना यह है कि इस मशीन का कितना और किस प्रकार का लाभ नवजात को मिल पाता है। जिला अस्पताल में अप्रेल 2009 से एसएनसीयू प्रारंभ होने के बाद से जिला स्वास्थ्य  विभाग द्वारा इस बात का दावा किया जा रहा था कि यहां से नवजात शिशुओं को भोपाल रेफर नहीं किया जाएगा, लेकिन उसके बावजूद भी यहां से नवजातों को भोपाल भेजने की प्रवृत्ति पर रोक नहीं लग सकी है। यूनिट के प्रभारी चिकित्सक तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी मरीजों को भोपाल रेफर करने के मामले में यह तर्क दिया करते थे कि यहां पर वेंटीलेटर सुविधा उपलब्ध नहीं है। हम चाहकर भी मरीज को यहां नहीं रख सकते। देखना यह है कि प्रदेश सरकार ने वेंटीलेटर मशीन तो लगवा दी है, लेकिन यहां पदस्थ चिकित्सक इसका उपयोग किस प्रकार कर पाते हैं। लोगोंं को अभी भी इस बात पर संदेह है कि यूनिट के चिकित्सक फिर कोई नया बहाना ढूढंकर मरीजों को भोपाल अथवा नर्सिंग होमों के लिए रेफर करेंगे। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. एएल मरावी का कहना है कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप मरीजों को एसएनसीयू में ही लाभ दिलाया जाएगा।
यहां भी है जरूरत
एसएनसीयू में वेंटीलेटर सुविधा प्रारंभ हो जाने से कितना लाभ मिलता है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इस तरह की सुविधा जिला अस्पताल में भी महसूस की जा रही है। बताया जाता है कि जिला अस्पताल के लिए भी वेंटीलेटर की स्वीकृति शासन स्तर से जारी हो चुकी है। अगले छह माह में इस मशीन के जिला अस्पताल में लगाए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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