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Friday, October 29, 2010

पुलिस की छवि तय करेगी सीआईडी की अंतिम जांच रिपोर्ट

 सीहोर,जिले में होने वाली पुलिस कार्रवाई पर भी अब सीआईडी नजर रखने लगी है। डेढ़ साल पहले मामले में सीआईडी ने जांच गोपनीय तरीके से शुरू कर दी है। जिसका एक सप्ताह में पटाक्षेप होने की भी संभावना जताई जा रही है। पुलिस की नाक उसकी ही वर्दी खाकी से खाक हुई है या नहीं यह तय करने के लिए सीआईडी की विशेष जांच टीम गुरूवार को सीहोर नगर आई और यहां कई गवाहों और लोगों से जानकारी लेने के बाद वापस लौट गई। सीआईडी ने अपनी जांच इतनी गोपनीय तरीके से की है कि उसके आने की जानकारी पुलिस महकमें के ही वरिष्ठ अधिकारियों ने नहीं थी, जबकि टीम एक घंटे से अधिक समय तक थाना कोतवाली में ही मौजूद रही।

क्या है मामला : पुलिस सूत्रों के अनुसार 3 मार्च 09 को भोपाल इंदौर राजमार्ग पर सीहोर-भोपाल और देवास की पुलिस ने चहल कदमी बढ़ा दी थी। राजधानी और स्थानीय मीडिया मामले की जानकारी लेने के लिए खासा उत्सुक रहा था। जब पूरा खुलासा हुआ था तो पुलिस की कार्रवाई से पुलिस की ही छवि धूमिल हुई थी।

कार्रवाई पर सवाल : उसी समय पुलिस ने इस बात का संदेह जताते हुए मामले का सूत्रों के हवाले से खुलासा किया था कि सीहोर के बाहर पदस्थ एक डीएसपी ने किसी अपराध की जांच के मामले में आरोपी के परिजनों से लगभग दस लाख रुपए की मांग की थी। इस हाई प्रोफाइल मामले में डीएसपी की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध मानी जा रही थी और सार्वजनिक किए गए मामले में भी पुलिस की छवि पर काफी असर पड़ा था। हालांकि डीएसपी ने भी मामले में पुलिस की कार्रवाई पर खुद सवाल उठाने की कोशिश की थी, लेकिन राजधानी पुलिस ने पूरे मामले को अपनी कामयाबी के रूप में प्रस्तुत किया था। घटना स्थल सीहोर नगर सामने आ रहा था इसके बाद भी पूरी कार्रवाई से स्थानीय पुलिस की दूरी अनेक सवालों को जन्म दे रही थी।

आरोप-प्रत्यारोप : सूत्रों की माने तो मामले में पुलिस ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की थी और मामला भी विभागीय तौर पर काफी गंभीर हो गया था, तब मामले में सीआईडी ने गोपनीय तरीके से जांच शुरू की और अनेक बिन्दुओं पर पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान लिए हैं। जांच रिपोर्ट कब प्रस्तुत की जाएगी, इसकी तो जानकारी नहीं दी जा रही है, लेकिन सीआईडी ने गुरूवार की दोपहर नगर में अपनी टीम को भेजकर गवाहों के बयानों को एक पुन: जांचा और परखा है। पूर्व में सीआईडी के अधिकारियों द्वारा ही जांच की गई थी लेकिन बयानों में किसी प्रकार का संदेह न रहे, इसलिए सीआईडी ने पूरे बयानों का सत्यापन कराना उचित समझा है। इस दौरान अधिकारी मौजूद रहें।

सीहोर को क्यों चुना

इस सनसनीखेज घटनाक्रम में सीहोर-देवास और भोपाल की पुलिस अभी तक इस बात का खुलासा नहीं कर सकी है कि डीएसपी ने देवास और भोपाल को छोड़ सीहोर को ही क्यों चुना था और राजधानी की पुलिस ने सीधे तौर पर दूसरे जिले में जाकर कार्रवाई क्यों कि, ऐसे अनेक प्रश्न मौजूद हैं, जिनका उत्तर सीआईडी जांच के परिणाम बताएंगे।

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