यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Tuesday, October 12, 2010

आकाश पर छाए बादलों ने किसानों को जगाई उम्मीद

सीहोर ,सोमवार को दोपहर बाद अचानक छाए बादलों ने मावठे की उम्मीदों को जगा दिया। सीहोर के आसपास के क्षेत्रों में मामूली बूंदाबांदी भी हुई पर यह क्रम क्षण भर ही चल सका। दिन भर तेज घूप के बीच दो-तीन बार सूर्य और बादलों के बीच आख मिचौनी भी हुई। पिछले एक सप्ताह से शहर में सूर्य के तेवर अप्रैल और मई माह जैसे ही दिखाई पड़ रहे है। सुबह आठ बजे से ही सूर्य के तेवर इतने तीखे हो जाते है कि लोगों का धूप में थोड़ी देर भी खड़ा होना मुश्किल हो जाता है, दोपहर मे तो हालत और भी खराब हो जाती है। यह क्रम लगातार चल रहा है जिसके कारण लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। बिजली कटौती के चलते लोगों की दोपहर कटना भी मुश्किलों से भरा साबित हो रहा है। ऐसा ही वातावरण सोमवार को भी दिन भर बना रहा पर अचानक दोपहर तीन बजे के बाद आकाश पर काले घने बादल छाने लगा जिससे किसानों को मावठे की उम्मीद दिखाई देने लगी। इन दिनों सोयाबीन कटने का क्रम लगभग अंतिम चरण पर जोरों पर चल रहा है। लगभग अस्सी प्रतिशत किसान सोयाबीन काट चुके है और रबी की फसल की तैयारियों में जुटने लगे है ऐसे में यदि मावठा गिर जाता है तो किसानों के लिए यह लाभ का सौदा ही साबित होगा। देखना यह है कि आगे क्या स्थिति बनती है?
अक्टूबर माह का साथ...
मावठे की संभावना सोमवार को नजर आई है पर आंकड़ों के लिहाज से अक्टूबर माह हर बार किसानों के लिए लाभ दायक साबित नहीं हुआ है। जानकारी अनुसार वर्ष 2007 में अक्टूबर माह में एक भी दिन मावठा नहीं गिरा, जबकि 2006 में दस एमएम, 2008 में बारह एमएम और वर्ष 2009 में सबसे अधिक 121.4 एमएम बारिश हुई थी। अभी 2010 के ग्यारह दिन निकल गए है पर बारिश का खाता भी नहीं खुला है देखना यह है कि 2010 में किस सन् की पुनरावृति होती है।

0 comments: