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Thursday, October 14, 2010

मॉं की ग्वाही पर हुई बेटे को सजा

सीहोर । जिला सत्र न्यायाधीश वेदप्रकाश ने भाई की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक ओमप्रकाश मिश्रा ने पैरवी की। प्राप्त जानकारी अनुसार 6 मार्च 2010 को ग्राम ईटखेड़ी में लतीफ खां दोपहर 2.30 बजे सिंचाई के पंप का बंटवारा करने आया, तो उसने अपने भाई दूल्हे खां से कहा जो मर्जी हो वह पाईप ले लो इस पर दूल्हे खां ने टापरी में से फरसी निकालकर लतीफ खां के सिर पर मार दी। घटनास्थल पर दोनों की मां महक बी और लतीफ खां का पुत्र शफीक भी मौजूद थे। मौके पर ही लतीफ खां की मौत हो गई। दोनों पक्षो को सुनकर साक्ष्यों का मूल्यांकन करते हुए दूल्हा खां को आजीवन कारावास का दण्ड दिया गया।
जिला सत्र न्यायालय में लतीफ हत्याकांड की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 9 और बचाव पक्ष की ओर से दो साक्षियों के कथन कराए गए। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि मृतक लतीफ की माँ द्वारा ही अपने आरोपी बेटे दूल्हा खां के खिलाफ ग्वाही दी गई,मृतक की माँ के साथ-साथ उसके पुत्र शफीक द्वारा भी ग्वाही दी गई जिसके आधार पर न्यायाधीश वेदप्रकाश द्वारा आरोपी दूल्हा खां को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। अभियोजन के अनुसार आरोपी दूल्हां खां ने लतीफ के बेटे शफीक पर भी प्रहार किया था जिससे वो भी घायल हो गया था उसने अपने प्राण फसल में छुपकर बचाए थे जिस पर न्यायाधीश ने धारा 323 के अंर्तगत भी दूल्हा खां को दो माह की पृथक से सजा सुनाई है।

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