सीहोर.यहां पर जितनी तेजी से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है उतनी तेजी से सड़कों को खराब किए जाने का कार्य भी किया जा रहा है,जिससे लोगों को लाभ मिलने के बजाय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ,
नगर पालिका का चुनाव वर्ष होने के कारण यहां पर तेजी के साथ सड़कों को निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिससे लोगों का लाभ भी मिल रहा है पर आज भी शहर की कई प्रमुख सड़क निर्माण प्रारंभ होने की बाट जोह रही है,इन सबके चलते लगातार होने वाली खुदाई से भी लोग परेशान है जिसके कारण न केवल सड़क खराब हो रही है बल्कि वहां से लोगों की राह भी आसान नहीं रह गई है। पिछले दिनों पार्वती जल योजना की पाइप लाइन स्थानीय शुगर फेक्ट्री चौराहें पर लीकेज हो गई जिससे हजारों गैलन पानी व्यर्थ बह गया यहीं नहीं स्थानीय तहसील चौराहे पर गांधी पार्क के सामने भी पाइप लाइन लीकेज हो गई। इन दोनों स्थानों पर नगरपालिका परिषद द्वारा जेसीबी मशीन के माध्यम से इसे दुरस्त कराया गया,जिससे पानी का व्यर्थ होना बंद हो गया पर दोनों प्रमुख मार्ग की सड़क खराब हो गई जिससे लोगों को आज परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय तहसील चौराहा और स्थानीय शुगर फेक्ट्री चौराहा दोनों ही यातायात की दृष्टि से काफी चलने वाले मार्ग है पर इन दोनों ही प्रमुख मार्गों पर लीकेज सही होने के बाद भी इसके लिए किए गए गड्डों को दुरस्त ढंग से नहीं किया गया है, बस इन स्थानों के लीकेज को सही करने के बाद इन पर मिट्टी डाल दी गई है जिससे न केवल पैदल चलने वाले लोगों के लिए बल्कि दोपहिया वाहन चालकों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है रात के समय यहां से निकलने वाले दो पहिया वाहन चालक गिर भी रहे है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि लीकेज सही कराने के बाद यहां पर इन मार्गों को समतल भी कराना चाहिए ताकि लोग परेशानी से बचे।
रोजाना हो रही है दुर्घटनाएं....
जिला मुख्यालय पर तहसील चौराहा और शुगर फेक्ट्री चौराहा पर ही नहीं बल्कि अन्य मार्गों पर भी इस तरह की परेशानी का सामना लोग कर रहे है,जिससे रोजाना लोग दुर्घटना ग्रस्त होकर जिला अस्पताल की शरण ले रहे है। आज स्थिति यह है कि स्थानीय इंग्लिशपुरा में सड़क तो बनवा दी गई पर वहां के किनारों को न तो प्रशासन ने ही और न ही ठेकेदार द्वारा सही कराना उचित समझा गया है जिससे लोग रोजाना गिर रहे है। यही आलम बस स्टैंड रोड और गुरूदारें मार्ग का है यहां सड़क को समतल कराने के लिए मुरम और गिट्टी तो डलवा दी गई है पर उसे समतल कराने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है जिससे लोगों को आज भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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